Which Part of Body is Very Hot: कड़ाके की ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए लोग ऊनी कपड़ों का इस्तेमाल करते हैं. सर्दी का सेहत पर सीधा असर होता है और इस मौसम में स्वस्थ रहने के लिए ठंड से बचना बहुत जरूरी होता है. तापमान कम होने पर लोगों के हाथ-पैर बहुत जल्दी ठंडे हो जाते हैं, जबकि शरीर के कुछ अंग गर्म रहते हैं. ऐसे में लोग ठंड से बचने के लिए कई अंगों को गर्म कपड़ों से ढक लेते हैं, जबकि कई ऑर्गन बिना ढके भी सही तरीके से काम करते रहते हैं. क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर का सबसे गर्म और सबसे ठंडा अंग कौन सा है? चलिए कुछ दिलचस्प फैक्ट जान लेते हैं.
हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक हमारा शरीर अपने कोर टेंपरेचर को मेंटेन करता है और इस प्रक्रिया को थर्मोरेगुलेशन कहा जाता है. ह्यूमन बॉडी के इंटरनल ऑर्गन्स जैसे- ब्रेन, हार्ट, लंग्स और लिवर को सबसे गर्म माना जाता है. इन ऑर्गन्स का टेंपरेचर 37 डिग्री सेल्सियस से लेकर 37.8 डिग्री सेल्सियस के बीच माना जाता है, जो जरूरत के अनुसार बॉडी एडजस्ट कर लेती है. इस टेंपरेचर को शरीर का कोर टेंपरेचर कहा जाता है. शरीर के सभी इंटरनल ऑर्गन्स इसी तापमान के आसपास रहते हैं. अगर इस टेंपरेचर में ज्यादा उतार-चढ़ाव आ जाए, तो लोगों की तबीयत बिगड़ने लगती है.
सबसे ठंडे अंगों की बात करें तो हमारी आर्मपिट का टेंपरेचर इंटरनल ऑर्गन्स के मुकाबले थोड़ा कम होता है. आर्मपिट का टेंपरेचर सामान्य तौर पर 35.5 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है. आर्मपिट में जल्दी पसीना भी आ जाता है, जिसकी वजह से यहां का टेंपरेचर इंटरनल ऑर्गन्स के मुकाबले थोड़ा कम होता है. बाहरी स्किन का तापमान भी सर्दियों में कम हो जाता है और कई बार यह तापमान 30-32 डिग्री के आसपास आ जाता है. हालांकि इतना कम तापमान लंबे समय तक रहे, तो इससे शरीर को खतरा पैदा हो सकता है. इसलिए हाथ-पैर का तापमान भी मेंटेन रखना चाहिए.
अब सवाल है कि क्या होगा अगर बॉडी का कोर टेंपरेचर कम या ज्यादा हो जाए? डॉक्टर्स की मानें तो शरीर का कोर टेंपरेचर नॉर्मल से कम या ज्यादा हो जाता है, तो इससे गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम्स पैदा हो सकती हैं. अगर शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या इससे ज्यादा हो जाए, तो हाइपरथर्मिया की कंडीशन पैदा हो सकती है. इससे ब्रेन, हार्ट समेत सभी अंगों पर दबाव बढ़ जाता है और सीवियर मामलों में मौत हो जाती है. जबकि शरीर का कोर टेंपरेचर 35 डिग्री सेल्सियस से कम हो जाए, तो मसल्स हार्ड हो सकती हैं और दिल की धड़कम धीमी हो जाती है. इस कंडीशन में भी लोगों की मौत हो सकती है.
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FIRST PUBLISHED : January 3, 2025, 08:22 IST